हिजाब ना पहनने वाली महिलाओं का होगा मान‍सिक इलाज! ऐसा क्‍यों कर रहा ये देश?
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हिजाब ना पहनने वाली महिलाओं का होगा मान‍सिक इलाज! ऐसा क्‍यों कर रहा ये देश?

Iran Hijab law: हिजाब ना पहनने वाली महिलाओं का मनोरोगियों की तरह इलाज किया जाएगा. हिजाब पहनने का विरोध करने वाली महिलाओं के मनसूबे तोड़ने और उनके विरोध को कुचलने के लिए मुस्लिम देश अजीब सिस्‍टम शुरू करने जा रहा है.

हिजाब ना पहनने वाली महिलाओं का होगा मान‍सिक इलाज! ऐसा क्‍यों कर रहा ये देश?

Hijab Protest in Iran: हिजाब ना पहनना और हिजाब पहनने का विरोध करना महिलाओं पर कितना भारी पड़ सकता है, ये ईरान के इस नए फैसले से समझा जा सकता है. ईरान के हिजाब कानून का देश में जमकर विरोध हो रहा है. महिलाएं हिजाब पहनने की प्रतिबद्धता लाने वाले इस कानून के खिलाफ खुलकर सड़कों पर उतर आई हैं. वहीं ईरान सरकार इन महिलाओं के कानून को कुचलने के लिए हरसंभव कोशिश कर रही है. अब तो आलम यह है कि ईरान ने ऐसी महिलाओं को मनोरोगी मान लिया है, जो हिजाब का विरोध कर रही हैं. साथ ही उनका मनोचिकित्सीय उपचार करने का फैसला भी ले लिया है और इसके लिए ईरान ने देश भर में क्लिनिक खोलने की योजना बनाई है. जिनका नाम वह हिजाब रिमूवल ट्रीटमेंट क्‍लीनिक रखेगा.

हिजाब ना पहनने पर होगा इलाज

तेहरान मुख्यालय में महिला एवं परिवार विभाग की प्रमुख मेहरी तालेबी दरेस्तानी ने ईरानी मीडिया को बताया कि ईरान जल्द ही ' 'हिजाब हटाने के उपचार क्लीनिक'' की एक श्रृंखला खोलने जा रहा है. ईरान इंटरनेशनल के अनुसार, ईरान का दावा है कि इस क्लिनिक में देश के हिजाब कानून का विरोध करने वाली सभी महिलाओं का वैज्ञानिक तरीके से मनोरोग का इलाज किया जाएगा.

क्या है हिजाब कानून?
 

ईरान के राष्ट्रीय हिजाब कानून के मुताबिक सार्वजनिक स्थानों पर महिलाओं को हिजाब से सिर ढंकना होता है. हिजाब के विरोध में ईरान ने हाल के वर्षों में बड़े पैमाने पर विरोध प्रदर्शन देखे हैं, जिसमें 2022-2023 महसा अमिनी विरोध प्रदर्शन भी शामिल है, जहां महिलाओं ने मोरल पुलिसिंग को खत्म करने की मांग की है. महिलाओं का आरोप है कि हिजाब न पहनने पर कई बार सुरक्षाबल के जवान उन पर हमला तक कर देते हैं.

ना इस्‍लामी ना ईरानी कानून के अनुरूप
 

इस मामले पर ईरानी मानवाधिकार वकील होसैन रईसी ने ऐसे क्‍लीनिक खोलने के विचार की आलोचना करते हुए कहा कि हिजाब पहनने से इनकार करने वाली महिलाओं के इलाज के लिए क्लीनिक खोलना न तो इस्लामी और न ही ईरानी कानून के अनुरूप है. रईसी ने आगे कहा कि यह चिंताजनक बात है कि यह बयान तेहरान मुख्यालय में महिला और परिवार विभाग से आया है, जो सद्गुणों के प्रचार और दुराचार की रोकथाम के लिए है. यह सर्वोच्च नेता अली खामेनेई के प्रत्यक्ष अधिकार के तहत काम करता है और इसे पूरे ईरान में सख्त धार्मिक नियमों को बताने और लागू करने का काम सौंपा गया है. इसमें खासतौर पर महिलाओं के पहनावे को नियंत्रित करने वाले नियम शामिल हैं.

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